Tuesday, May 19, 2009

अपनी कसम ....

बेंतिलादियों से सुबुक सब में हम हुए,
जितने जियादाह हो गए उतने ही कम हुए|
हस्ती हमारी अपनी फना पर दलील है,
यां तक मिटे के आप हम अपनी कसम हुए|

- मिर्जा गालिब