Friday, January 29, 2010

हम बतलायें क्या ..?

ज़ोर से बाज़ आये पर बाज़ आयें क्या,
कहते हैं हम तुमको मुंह दिखलायें क्या.
रात दिन गर्दिश मैं हैं सातों आस्मां,
हो रहेगा कुछ ना कुछ घबरायें क्या.
पूछ्ते हैं वो के गालिब कौन है,
कोई बतलाओ के हम बतलायें क्या.

- मिर्ज़ा ग़ालिब

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